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Tuesday, 20 June 2017

आंतरराष्ट्रीय योग दिवस

मराठी :

योगाचे महत्त्व

 शब्दश: अर्थ :जोडणे (संस्कृत युज्: जोडणे). प्राचीन भारतीय शारीरिक आणि मानसिक आरोग्यासाठीची चिकित्सापद्धत. जीवात्मा आणि विश्वात्मा यांच्यातील एकत्व अनुभवण्याची पद्धत.
यम, नियम, योगासन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान आणि समाधी ही योगाची आठ अंगे आहेत. त्यामुळे यास अष्टांगयोग असेही म्हटले जाते. बरेचदा योगासने या अर्थी योग या शब्दाचा वापर होतो.
प्राणायाम हा योगाचा एक अत्यंत महत्वाचा प्रकार आहे. प्राणायाममुळे शारीरिक व मानसिक शक्ती बळावते आरोगया तर निरोगी राहतेच पण मन सुद्धा निरोगी राहते.
प्राणायाम मुळे शरिर व मन शुद्ध होऊन मनाची एकाग्रता वाढते .

योगाचे प्रकार

भारतीय योग शास्त्र मध्ये योगचे पांच प्रकार सांगितले आहेत -
  • ज्ञान योग -- आत्मज्ञान,
  • हठ योग -- आसन आणि कुण्डलिनी जागृति
  • कर्म योग -- योग: कर्मसु कौशलम् (कर्मात कुशलता आणणे म्हणजे योग)
  • भक्ति योग -- भजनकुर्याम-भजन करा.
  • राजयोग -- योगः चित्तवृत्ति निरोधः (चित्तातील वृत्तिंवर नियंत्रण ठेवणे हाच योग आहे)
पतंजलिंनी योग चा अर्थ चित्तातील वृत्तिंवर निरोध (योगः चित्त-वृत्ति निरोध:) सांगितला आहे· त्यांच्या विचारांनुसार योगाचे आठ अंग आहेत, जे खालिल प्रमाणे आहेत:
  • यम (अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य आणि अपरिग्रह) बाहेरचे अंग
  • नियम (स्वाध्याय, सन्तोष, तप, पवित्रता, आणि ईश्वर च्या प्रति चिन्तन) बाहेरचे अंग
  • योगासन बाहेरचे अंग
  • प्राणायाम बाहेरचे अंग
  • प्रत्याहार बाहेरचे अंग
  • धारणा आतले/मानसीक अंग
  • ध्यान आतले/मानसीक अंग
  • समाधी आतले/मानसीक अंग
योगश्चित्तवृत्ति निरोधः। या सूत्राचा अर्थ आहे - योग तो आहे जो देह आणि चित्त यांच्या ओढाताणीत मानवाला अनेक जन्मां पर्यंत आत्म-दर्शनापासून वंचित रहाण्यापासून वाचवतो• चित्तवृतिंच्या निरोध (दमनाने)नाही, तर त्या जाणून त्यांना उत्पन्नच न होउ देणे होय• योगाचा मूळ सिद्धांत ध्यान आणि आसनांच्या माध्यमातून दैहिक आणि मानसिक पूर्णता प्राप्त करणे होय• याचे प्रारंभिक स्वरूप हिन्दू ग्रंथांमध्ये - महाभारत, उपनिषद, पतञ्जलिंचे योगसूत्र आणि हठयोग प्रदीपिका मध्ये मिळतात• योग एक पूर्ण विज्ञान आहे, एक पूर्ण जीवन शैली आहे, एक पूर्ण चिकित्सा पद्धति आहे आणि एक पूर्ण अध्यात्म विद्या आहे• योग ची लोकप्रियतेचे रहस्य हे आहे की लिंग, जाति, वर्ग, संप्रदाय, क्षेत्र आणि भाषाभेदांच्या संकीर्णतांमध्ये कधी आबद्ध न असणे होय• चिंतक, बैरागी, अभ्यासी, ब्रह्मचारी, गृहस्थ कोणीही याचे सानिध्य प्राप्त करून लाभांन्वित होउ शकतात• व्यक्तिंच्या निर्माण आणि उत्थान मध्येच नाही तर परिवार, समाज, राष्ट्र आणि विश्वाच्या चहुंमुखी विकासामध्ये ही याचा उपयोग सिद्ध झाला आहे• योग मनुषयामध्ये सकारात्मक चिंतनाच्या प्रशस्त मार्गावर आणण्यासाठी एक अद्भुत विद्या आहे• जिला हजारो वर्षपूर्वी भारताच्या प्रज्ञावान ऋषि-मुनिंनि आविष्कृत केले होते• महर्षि पतंजलिनी अष्टांग योग च्या रूपात याला अनुशासनबद्ध, सम्पादित आणि निष्पादित केले•

अर्थ आणि परिभाषा

जेव्हा मनाला एकाग्र करून ध्यानावस्थित रूपात जीव परमात्मा बरोबर मिलनाची आकांक्षा करत असते तोच योग आहे. योगासनांना आधुनिक जीवनात फक्त व्यायामच मानले जाते. इंग्रजीमध्ये याला योगच्या ऐवजी 'योगा' संबोधिले जाते. योगाचे कित्येक प्रकार शारीरिक, मानसिक आणि आध्यात्मिक हालचालींना आपल्या ताब्यात ठेवतात ज्यांचा उद्देश्य असतो की मनुष्याला आपल्या स्वरूपाच्या बाबतीत ज्ञान मीळवणे हेच मानव जीवनाचे परम लक्ष्य मोक्ष प्राप्त करणे.
योग वैदिक/हिंदू तत्त्वशास्त्रात सहा विचारधारांमध्ये दर्शनएक आहे. इथे याचे तात्पर्य राजयोग बरोबर आहे जो एक ब्रह्मन्‌ मिळविण्यासाठी ईश्वरीय ध्यानचा राजसी मार्ग आहे.
हिंदू धर्मात योगाचे कित्येक प्रकार पण आहेत उदा. निष्काम कर्म योग, आत्महित विहीन भक्ति योग आणि ज्ञान योग विवेकपूर्ण ध्यान.
योग वर पतञ्‍जलि मुनिंनी योगसूत्र जवळजवळ १५० ई.पू. मध्ये लिहीले. पतंजलिंच्या अनुसार अष्टांग योग चे पालन करणारी व्यक्ति आपल्या मनाला शांत करू शकते आणि शाश्वत ब्रह्मात सामावू शकते . याच अष्टांग पथ ने नंतर येणाऱ्या राज योग, तन्त्र आणि बौध वज्रयान योग चा पाया टाकला.

 
हिंदी :

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को मनाया जाता है। यह दिन वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है और योग भी मनुष्य को दीर्घ जीवन प्रदान करता है। पहली बार यह दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया, जिसकी पहल भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 27 सितम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण से की थी जिसमें उन्होंने कहा:
"योग भारत की प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार है यह दिमाग और शरीर की एकता का प्रतीक है; मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य है; विचार, संयम और पूर्ति प्रदान करने वाला है तथा स्वास्थ्य और भलाई के लिए एक समग्र दृष्टिकोण को भी प्रदान करने वाला है। यह व्यायाम के बारे में नहीं है, लेकिन अपने भीतर एकता की भावना, दुनिया और प्रकृति की खोज के विषय में है। हमारी बदलती जीवन- शैली में यह चेतना बनकर, हमें जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद कर सकता है। तो आयें एक अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को गोद लेने की दिशा में काम करते हैं।"
जिसके बाद 21 जून को " अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस" घोषित किया गया। 11 दिसम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र में 193 सदस्यों द्वारा 21 जून को " अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस" को मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली। प्रधानमंत्री मोदी के इस प्रस्ताव को 90 दिन के अंदर पूर्ण बहुमत से पारित किया गया, जो संयुक्त राष्ट्र संघ में किसी दिवस प्रस्ताव के लिए सबसे कम समय है।

उत्पत्ति

औपचारिक व अनौपचारिक योग शिक्षकों और उत्साही लोगों के समूह ने 21 जून के अलावा अन्य तारीखों पर विश्व योग दिवस को विभिन्न कारणों के समर्थन में मनाया। दिसंबर 2011 में, अंतर्राष्ट्रीय मानवतावादी, ध्यान और योग गुरू श्री श्री रविशंकर और अन्य योग गुरुओं ने पुर्तगाली योग परिसंघ के प्रतिनिधि मंडल का समर्थन किया और दुनिया को एक साथ योग दिवस के रूप में 21 जून को घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र को सुझाव दिया। इसके पश्चात 'योग: विश्व शांति के लिए एक विज्ञान' नामक सम्मेलन 4 से 5 दिसंबर 2011 के बीच आयोजित किया गया। यह संयुक्त रूप से लिस्बन, पुर्तगाल के योग संघ, आर्ट ऑफ़ लिविंग फाउंडेशन और SVYASA योग विश्वविद्यालय, बेंगलूर के द्वारा आयोजित किया गया। जगत गुरु अमृत सूर्यानंद के अनुसार विश्व योग दिवस का विचार वैसे तो 10 साल पहले आया था लेकिन, यह पहली बार था जब भारत की ओर से योग गुरु इतनी बड़ी संख्या में इस विचार को समर्थन दे रहे थे।[4][5][6] उस दिन श्री श्री रवि शंकर के नेतृत्व में विश्व योग दिवस के रूप में 21 जून को संयुक्त राष्ट्र और यूनेस्को द्वारा घोषित करने के लिए हस्ताक्षर किए गए।
निम्नलिखित सदस्य उस सम्मेलन में उपस्थित थे: श्री श्री रवि शंकर, संस्थापक, आर्ट ऑफ़ लिविंग; आदि चुन चुन गिरि मठ के श्री स्वामी बाल गंगाधरनाथ; स्वामी पर्मात्मानंद, हिंदू धर्म आचार्य सभा के महासचिव; बीकेएस अयंगर, राममणि आयंगर मेमोरियल योग संस्थान, पुणे; स्वामी रामदेव, पतंजलि योगपीठ, हरिद्वार; डॉ नागेन्द्र, विवेकानंद योग विश्वविद्यालय, बंगलुरू; जगत गुरु अमृत सूर्यानंद महा राज, पुर्तगाली योग परिसंघ के अध्यक्ष; अवधूत गुरु दिलीपजी महाराज, विश्व योग समुदाय, सुबोध तिवारी, कैवल्यधाम योग संस्थान के अध्यक्ष; डा डी.आर कार्तिकेयन, कानून-मानव जिम्मेदारियों व कारपोरेट मामलों के सलाहकार और डॉ रमेश बिजलानी, श्री अरबिंदो आश्रम, नई दिल्ली।

संयुक्त राष्ट्र की घोषणा

 इस पहल को कई वैश्विक नेताओं से समर्थन मिला। सबसे पहले, नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोइराला ने प्रधानमंत्री मोदी के प्रस्ताव का समर्थन किया। संयुक्त राज्य अमेरिका सहित 177 से अधिक देशों, कनाडा, चीन और मिस्र आदि ने इसका समर्थन किया है। "अभी तक हुए किसी भी संयुक्त राष्ट्र महासभा के संकल्प के लिए यह सह प्रायोजकों की सबसे अधिक संख्या है।" 11 दिसंबर 2014 को 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सर्वसम्मति से 'योग के अंतर्राष्ट्रीय दिवस' के रूप में 21 जून को मंजूरी दे दी गयी।
संयुक्त राष्ट्र के घोषणा करने के बाद, श्री श्री रविशंकर ने नरेंद्र मोदी के प्रयासों की सराहना करते है कहा:
"किसी भी दर्शन, धर्म या संस्कृति के लिए राज्य के संरक्षण के बिना जीवित रहना बहुत मुश्किल है। योग लगभग एक अनाथ की तरह अब तक अस्तित्व में था। अब संयुक्त राष्ट्र द्वारा आधिकारिक मान्यता योग के लाभ को विश्वभर में फैलाएगी।"
 योग के महत्व पर बल देते हुए श्री श्री रवि शंकर ने कहा कि योग आप को फिर से एक बच्चे की तरह बना देता है, जहाँ योग और वेदांत है वहां, कोई कमी, अशुद्धता, अज्ञानता और अन्याय नहीं है। हमें हर किसी के दरवाजे तक योग को ले जा कर दुनिया को दुखों से मुक्त कराने की आवश्यकता है।

तैयारियां

भारत में पहले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को मनाने के लिए भाजपा के साथ बाबा रामदेव ने भी इस आयोजन के लिए खास तैयारियां की थी, विश्व योग दिवस को यादगार बनाने और पूरे विश्व को योग के प्रति जागरूक करने के लिए रामदेव ने 35 मिनट का विशेष पैकेज तैयार किया था।  21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के सफल होने के साथ ही भारत ने दो विश्व रिकार्ड भी कायम कर लिए हैं।
भारत में 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस बड़े पैमाने पर मनाया गया जिसकी तैयारियां बड़े जोर-शोर से सरकार कर रही थी। योग दिवस का मुख्य समारोह दिल्ली के राजपथ पर हुआ जिसमें खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शिरकत की। प्रधानमंत्री राजपथ पर लगभग 36000 लोगों के साथ योग किया। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर राजपथ के मंच को साझा करने के लिए प्रधानमंत्री के साथ कुल छह अन्य लोगों को मौका मिला प्रधानमंत्री कार्यालय ने चार योग गुरु जिसमें योग गुरु बाबा रामदेव, सव्यासा के प्रमुख एच आर नागेंद्र, श्रीमती हंसाजी जयदेव योगेंद्र और स्वामी आत्माप्रियनंदा को शामिल किया गया साथ ही आयुष मंत्री श्रीपद नाइक और आयुष मंत्रालय सचिव निलंजन सान्याल के मंच पर बैठने को मंजूरी मिली थी।अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह का गणतंत्र दिवस समारोह जैसा कवरेज दूरदर्शन द्वारा किया गया। इसका सीधा प्रसारण किया गया, प्रसारण अंतरराष्ट्रीय मानक का हो यह सुनिश्चित करने के लिए अत्याधुनिक उपकरण का इस्तेमाल किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल को भी योग दिवस के लिए निमंत्रण भेजा था। राजनैतिक लोगों के अलावा योग गुरु बाबा रामदेव और बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन को भी न्योता भेजा गया। संयुक्त राष्ट्र में भी योग दिवस मनाने के लिए व्यापक तैयारी की गयीं। पहले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संयुक्त राष्ट्र में आयोजित समारोह की अध्यक्षता की। टाइम्स स्क्वायर से वैश्विक दर्शकों के लिए इसका प्रसारण हुआ।

समारोह

 भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गणमान्य लोगों सहित करीब 36000 लोगों ने , 21 जून 2015 को नई दिल्ली में पहले अंतर्राष्ट्रीय दिवस के लिए 35 मिनट तक 21 योग आसन (योग मुद्राओं) का प्रदर्शन किया। योग दिवस दुनिया भर में लाखों लोगों द्वारा मनाया गया। राजपथ पर हुए समारोह ने दो गिनीज रिकॉर्ड्स की स्थापना की: सबसे बड़ी योग क्लास 35,985 लोगों के साथ और चौरासी देशों के लोगों द्वारा इस आयोजन में एक साथ भाग लेने का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया। इस रिकॉर्ड को आयुष मंत्री श्रीपद नाइक ने स्वयं ग्रहण किया।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2016

भारत में, आयुष मंत्रालय ने सभी सरकारी विभागों को एक पात्र जारी करते हुए कहा कि "भारत सरकार ने इस वर्ष के समारोह के दौरान युवाओं की अधिक से अधिक और सक्रिय भागीदारी के साथ योग के अंतर्राष्ट्रीय दिवस, 2015 के द्वारा बनाई गई गति को आगे ले जाने का फैसला किया है।।"  मंत्रालय "द नेशन इवेंट ऑफ़ मास योगा डेमोंस्ट्रेशन" नामक एक समारोह का अयोजन, चंडीगढ़ में करेगा जिसमें भारत के प्रधानमंत्री द्वारा भाग लिया जाएगा। भारत का स्थायी मिशन संयुक्त राष्ट्र के लिए 20 जून और 21 को संयुक्त राष्ट्र में समारोह का आयोजन करेगा जिसमें "कन्वर्सेशन विद योगा मास्टर्स - योगा फॉर द अचीवमेंट ऑफ़ सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (एसडीजी)" मुख्य बिंदु होगा।  सदगुरु घटना में मुख्य वक्ता होंगे। योग दिवस के कार्यक्रम का नेतृत्व करने की ज़िम्मेदारी 57 मंत्रियों को दी गई है, उनमें गृहमंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और स्मृति इरानी शामिल हैं। विशेष यह है कि अरुण जेटली, मुख्तार अब्बास नकवी, निर्मला सीतारमन और मेनका गांधी समेत 10 मंत्रियों को उत्तर प्रदेश में होने वाले आयोजनों में शामिल होने को कहा गया है।[36]
अमेरिकी राजधानी के कैपिटल हिल से लेकर न्यूयार्क के संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय तक देश के कई शहरों में योग कार्यक्रमों के आयोजन की योजना है।

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